उम्मत की मिसाल हदीस शरीफ || sahana khan Islamic
उम्मत की मिसाल हिंदी.. रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो वसल्लम ने फरमाया मुसलमानों की एक दूसरे से मोहब्बत एक दूसरे के साथ रहम दिली और एक दूसरे की तरफ इल्तिफात ओ taawun ( प्यार और मदद) विशाल एक जिस्म की तरह है जब उस जिस्म के एक हिस्से को तकलीफ होती है तो बाकि का सारा जिसम बेचैन और बुखार के जरिए से सब आ जा (हिस्सा) को एक दूसरे के साथ मिला कर उसका साथ देता है. इस इरशद मुबारक से मुसलमानो के बहमी जोड़ व ताल्लूक. मोहब्बत व शफाकत और मेहरबानी के haqayiq मालूम होते हैं. लेकिन बे-हैसियत मजमुये एक जिस्म से Tashbidi गया है और उस के ज़रिए से wazeh फरमाया गाय के जिस तरह बदन का एक हिस्सा बीमार हो जाये तो सारे जिस्म पर उस का असर पड़ता है. Deegar Aazaye ( दूसरा हिस्सा) बदन भी बीमारी के इस असर को क़ुबूल करते हुए बेचेनी और बे-अरामी महसूस करने लगता है. अफसोस आज हम दूसरी हदीसों की तरह ही, इस हदीस को भी भुला बैठे जिसके नतीजे में हमारी आंखों के सामने कई इस्लाम मुल्कों को तबाह बर्बाद कर दिया गया और कई मुल्कों में हमारे मुसलमानों भाइयों और बहनों को जाने माली और इज्जत वह आबरू का नुकसान उठाना पड़ा English...
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